Rahul...

08 December 2010

..सिर्फ इतना देना

जन्नत में हूँ मै
तुम रखना अपने साये में..
 कि.... हर पल.. हर दिन..
यह तस्वीर बने..
जन्नत में हूँ मै
तुम रखना
हमेशा अपनी गोद में
जहाँ.. है मीठी नींद..
खूब सारी तितलियाँ..
सुनहरे बुलबुले
माँ..
मुझे यहीं रहने देना  ...
सिर्फ इतना देना
कि.
यही जन्नत..
हर जन्म में नसीब हो
                                     राहुल

3 comments:

  1. बेहद मनमोहक काव्य रचना......ह्रदय को स्पर्श करती..... मेरा ब्लागःः"काव्य कल्पना" आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे...धन्यवाद.....

    ReplyDelete
  2. अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं ।

    ReplyDelete
  3. हिन्दी ब्लाग-जगत में आपके नव-आगमन का स्वागत है, उम्मीद है आप शीघ्र ही सफलता के नये सोपानों का स्पर्श करते हुए अपने इस ब्लाग को सफलता के उच्च शिखर पर स्थापित कर सकेंगे । शुभकामनाओं सहित...
    इन्सानियत की श्रेष्ठतम मिसाल- देखिये लघु संस्मरण "प्रेरक प्रसंग- दरियादिली"
    www.najariya.blogspot.com 'नजरिया'
    और हाँ यदि आपको ये ब्लाग पसन्द आवे तो कृपया समर्थक सूचि में शामिल होकर इसे अपना समर्थन अवश्य प्रदान करें । यकीनन तब आप एक समर्थक अपने ब्लाग पर भी बढा लेंगे. धन्यवाद.

    ReplyDelete