यतमान...
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Rahul...
19 December 2010
कसक...
जो रंग महका है
तेरे आँगन में
वहाँ घुला.. मिला है
मेरी कसक.
रंग जो कसक का महका है.. तेरे आँगन में
तुम जो कभी थे
अपने आँगन में
कभी समेटता था..
हाथों पर..
तेरी चुप सी घुटन
सौ रंग..
सौ मौसम
और..
हम दोनों की
कसक...
राहुल
1 comment:
Amrita Tanmay
February 27, 2012 at 11:49 PM
खुबसूरत..
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खुबसूरत..
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