अकेले हम.. न.. तनहा तुम.. |
समय पिघलने को है..
पुराना साल..
नया साल
कुछ किस्से
कुछ ख्वाब
मचलने को है..
न हम कभी अकेले थे
न तुम कभी तनहा हुए
गर कुछ फासला था..
..तो
लम्हों का..
फिर वो पल
तेरा नाम
और...
कुछ.. बर्फ की आग
जलने को है...
पुराना साल..
नया साल
कुछ ख्वाब
मचलने को है..
राहुल
.....
ReplyDelete