कुछ कहना था तुमसे
सहेज कर ...
तेरे पन्नों को
छुपा दिया था...
अब नहीं
कभी नहीं
तेरी दी हुई सौगात
वापस करना है मुझे..
निर्वात..
चुप्पी..
और ...
तेरे लबों की ख़ामोशी...
अब नहीं
कभी नहीं
एहसान इतना सा कर दे ....
मुझे फिर तनहा सा कर दे
कुछ कहना था तुमसे
Rahul
यथार्थ को सौगात...
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