Rahul...

03 December 2011

क्या सच में ऐसा होता है ?
जलते जख्म की
वेदना ताउम्र सालती है.....
क्या सच में मन
का काफिला चुप
रेत में फिसल जाता है...
मै उस वेदना को
बार-बार कहीं छोड़
सन्नाटा को जी लेता हूँ....
तुमने कुछ रेत की
बूंदों को होठों से छुआ था
क्या सच में ऐसा होता है ?
तेरी शहद घुली चुप्पी
में आहों की ...
क्या सच में ऐसा ही होता है ? ....

2 comments:

  1. sach ! bahut achchha likhate hain aap . oho aapne wodd verification nahi hataya . setiing men jaayen , neeche word verification ke option men yes ki jagah no kar den , please ..

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  2. आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपका इंतजार रहेगा ।

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