Rahul...

24 April 2012

ऐ मेरे मालिक.....

ऐ मेरे मालिक.....
मुझे रास्ता दिखा
थोड़ी रोशनी दे
मेरे सफ़र को
अपना सा दामन दे..

ऐ मेरे मालिक.....
मै कदम बढ़ा सकूं
खुद का ख्याल मिटा सकूं
अपने करीब 
तिनके सा आसरा दे.....

ऐ मेरे मालिक......
मेरे अश्क के सहरा को
थोड़ी बारिश दे
थकी आँखों को 
पत्थर सा हौसला दे...
                                            राहुल      

5 comments:

  1. ऐ मेरे मालिक.....
    मै कदम बढ़ा सकूं
    खुद का ख्याल मिटा सकूं
    अपने करीब
    तिनके सा आसरा दे.....
    वाह ,....बहुत खूबसूरत
    आपका लिखा पढ़ने की बात ही कुछ और है सर!

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  2. ऐ मेरे मालिक......
    मेरे अश्क के सहरा को
    थोड़ी बारिश दे
    थकी आँखों को
    पत्थर सा हौसला दे...

    अद्भुत भाव का संयोजन किया है आपने इस रचना में ...!

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  3. मेरी भी ऐसी ही विफल पुकार है..

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  4. खूबसूरत रचना...अच्‍छी प्रस्‍तुति...बहुत बहुत बधाई...

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